ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया ,
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया ..
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी ,
आज कुछ बात है , जो शाम पे रोना आया ..
कभी तकदीर का मातम , कभी दुनिया का गिला ,
मंजिल -इ -इश्क में हर गम पे रोना आया ...
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का
मुझको अपने दिल -इ -बर्बाद पे रोना आया ...
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया ..
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी ,
आज कुछ बात है , जो शाम पे रोना आया ..
कभी तकदीर का मातम , कभी दुनिया का गिला ,
मंजिल -इ -इश्क में हर गम पे रोना आया ...
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का
मुझको अपने दिल -इ -बर्बाद पे रोना आया ...
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